Sunday, June 14, 2015


इतनी  आसानीसे  सब  मुद्दोपर  सहमती  होनेवाली  है, तो  मिटीन्‍ग को  बुलाया ही क्‍यूं ?
हम पहलेसे ही 'कुत्‍ते' जैसी जिन्‍दगी जी रहे है, शादी कर के कौनसा फर्क पडने वाला है?
मै आप के लिए घर के चक्‍कर नही काट रहा हू, मेरे कुत्‍ते को आपकी कुत्‍ती बहोत पसंद आयी है इसलिए